नई शिक्षा नीति से आएगा एक बहुत बड़ा बदलाव

नए भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी नई शिक्षा नीति 

 सीएमएस संस्थापक डॉ जगदीश गांधी ने की सराहना 
लखनऊ। कैबिनेट के नई शिक्षा नीति 2020 (New Education Policy 2020) का सीएमएस संस्थापक, डॉ जगदीश गांधी ने स्वागत कर प्रशंसा की है और कहा कि शिक्षा नीति में 34 साल बाद जो बदलाव किया गया है वह नई शिक्षा नीति एक समान शिक्षा स्तर, निष्पक्षता, गुणवत्ता, समावेशी और जवाबदेही के स्तंभों पर आधारित है और अत्यंत सराहनीय है। भारत के  HRD मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' के नेतृत्व में ये नीति एक महत्वपूर्ण रास्ता प्रशस्त करेगी तथा नए भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी। यह शिक्षा क्षेत्र में लंबे समय से अटका हुआ और बहुप्रतीक्षित सुधार है जो आने वाले समय में लाखों जिंदगियों में बदलाव लाएगी।
डॉ जगदीश गाँधी ने कहा कि ज्ञान के इस युग में जहां शिक्षा, शोध और नवाचार महत्वपूर्ण हैं, ये नयी शिक्षा नीति भारत को शिक्षा के जीवंत केंद्र के रूप में परिवर्तित करेगी। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि इतने बडे़ स्तर पर सबकी राय ली गई है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि शिक्षा देश को उज्जवल भविष्य देगी और इसी के चलते देश समृद्धि की ओर जाएगा। नई शिक्षा नीति में स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं। इसमें लॉ और मेडिकल शिक्षा को छोड़कर उच्च शिक्षा के लिए सिंगल रेगुलेटर रहेगा।
डॉ गांधी ने यह भी बताया कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना का सम्मान करते हुए नई शिक्षा नीति में संस्कृत सहित अन्य भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने की व्यवस्था को भी शामिल है। इससे भारतीय साइन लैंग्वेज को देश भर में स्टैंड्राइज्ड होगा। इस योजना के तहत 9वीं से 12वीं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी। स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा और नए सुधारों में टेक्नॉलॉजी और ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर दिया गया है। अभी तक भारत में डीम्ड यूनविर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और स्टैंड अलोन इंस्टिट्यूशंस के लिए अलग-अलग नियम हैं। परंतु नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत सभी के लिए नियम समान होंगे।
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