न्याय के लिए भटकते रिटायर्ड दरोगा ने दी धर्म परिवर्तन की चेतावनी


दलित समाज के सेवानिवृत्त दरोगा मांगेराम की मार्मिक अपील

सेवानिवृत्त दरोगा मांगेराम के पुत्र की हुई थी संदिग्ध मौत। बरुकी में पशु चिकित्सक के रूप में तैनात थे सुशील कुमार।

बिजनौर। कहते हैं कि पुलिस वाला किसी का भी सगा नहीं होता। इनकी दोस्ती और दुश्मनी, दोनों ही खराब कहलाती हैं। रिटायरमेंट एक ऐसा दंश है जो विभाग के साथियों की भी नजरें बदल देता है। कुल मिलाकर यह बात कम से कम जनपद बिजनौर के कई थानों में बतौर दरोगा तैनात रहे मांगेराम पर सटीक बैठ रही हैं। पुत्र की संदिग्ध मौत के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए वह अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। विभागीय उपेक्षा से त्रस्त होकर उन्होंने हिन्दू धर्म त्याग कर मुस्लिम धर्म अपनाने का फैसला कर लिया है। इसका उन्होंने बाकायदा वीडियो जारी कर ऐलान किया है।

गौरतलब है कि 03 नवंबर को कोतवाली देहात थानांतर्गत बरुकी में पशु चिकित्सक सुशील कुमार पुत्र मांगेराम (सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी) का सीने में गोली लगा शव पशु सेवा केंद्र के आवास में ही पड़ा मिला था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के साथ ही मामला आत्महत्या में दर्ज कर लिया। फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम ने मौका-ए-वारदात से तमंचे और अन्य जगहों से भी फिंगर प्रिंट के नमूने लेकर जांच के लिए भेज दिये थे। पशु चिकित्सक सुशील कुमार सहारनपुर की पंजाबी कॉलोनी नुमाइश कैंप संत नगर के रहने वाले थे। पिछले तीन साल से वह बरुकी में तैनात थे और पशु सेवा केंद्र के एक कमरे को ही आवास बना रखा था। उनके साथ प्राइवेट तौर पर काम करने वाले आकाश ने सुबह करीब साढ़े आठ बजे सुशील को चाय पिलाई। इसके बाद पशुधन प्रसार अधिकारी सुशील ने आकाश को कपड़ों पर प्रेस कराने के लिए भेज दिया। बाजार जाते वक्त आकाश आवासीय परिसर के मुख्य गेट का ताला लगाकर गया था। आकाश लौटकर केंद्र पर पहुंचा तो सुशील का सीने में गोली लगा शव पड़ा मिला। मामले की जानकारी विभागीय व पुलिस अधिकारियों को दी गई। मौके पर पहुंचे एएसपी देहात रामअर्ज और सीओ नगीना सुमित शुक्ला ने घटनास्थल का मुआयना किया। साथ ही आकाश से करीब एक घंटा तक जानकारी हासिल की। आकाश की तहरीर पर पुलिस ने आत्महत्या का केस दर्ज कर लिया औऱ शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।

सुशील कुमार के पिता मांगेराम सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी हैं और बिजनौर में ही रहते हैं। घटना की सूचना पर वह अपने भतीजे राकेश के साथ बरुकी पहुंचे। सुशील कुमार की पत्नी और उनका छोटा पुत्र व पुत्री सहारनपुर में रहते हैं। सुशील कुमार के पिता मांगेराम बिजनौर के कई थानों में तैनात रहे हैं। बताया गया है कि भले ही पुलिस पशुधन प्रसार अधिकारी की मौत को आत्महत्या मान रही है, लेकिन जांच सभी पहलुओं पर की जा रही है। पुलिस की टीम ने फोरेंसिक एक्सपर्ट के पहुंचने से पहले शव को छुआ भी नहीं। तमंचा और मोबाइल भी जस का तस पड़ा रहा। फोरेंसिक एक्सपर्ट की ओर से फिंगर प्रिंट समेत अन्य नमूने लेने के बाद ही पुलिस ने अगली कार्रवाई की।

सीडीआर में एक महिला की कई कॉल का खुलासा? विश्वसनीय सूत्रों का दावा है कि पशु चिकित्सक सुशील कुमार के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल में जनपद मुख्यालय के भरत विहार निवासी एक महिला का नाम सामने आ रहा है। उक्त महिला डॉक्टर की संदिग्ध मौत के लगभग चार दिन पहले बरुकी भी गई। वहां से वो सैमसंग कंपनी का एक एलईडी भी ले गई थी। साढ़े 17 हजार रुपए कीमत के उक्त एलईडी के लिए सुशील कुमार ने पांच हजार रुपए भी अदा किये थे!

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